अब जाति नहीं आय के आधार पर हो सकता है आरक्षण..!
अब जाति नहीं आय के आधार पर हो सकता है आरक्षण..!
9 days ago
Written By: आदित्य कुमार
E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।E20 पेट्रोल पर चल रही बहस अब राजनीतिक और आर्थिक रंग पकड़ चुकी है। जहां सरकार इसे आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की ओर बड़ा कदम बता रही है, वहीं विरोधियों का दावा है कि इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।